किसी गोलीय दर्पण की वक्रता केन्द्र और वक्रता त्रिज्या तथा द्वारक को परिभाषित कीजिये।
वक्रता केन्द्र-गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ एक गोले का भाग है, इस गोले का केन्द्र गोलीय दर्पण का वक्रता केन्द्र कहलाता है। इसको C से निरूपित किया जाता है। वक्रेता केन्द्र दर्पण का भाग नहीं होता है। यह तो परावर्तक पृष्ठ के बाहर स्थित होता है। अवतल दर्पण का वक्रता केन्द्र परावर्तक पृष्ठ के सामने स्थित होता है जबकि उत्तल दर्पण की स्थिति में यह परावर्तक पृष्ठ के पीछे स्थित होता है।
वक्रता त्रिज्या-गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ जिस गोले का भाग है। उसकी त्रिज्या दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है। इसे अक्षर R से प्रदर्शित करते हैं।
द्वारक-गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ अधिकांशतः गोलीय ही होता है। इस पृष्ठ की एक वृत्ताकार सीमा रेखा होती है। गोलीय दर्पण के परावर्तक पृष्ठ की इस वृत्ताकार सीमा रेखा का व्यास दर्पण का द्वारक कहलाता है।