पूर्ण आन्तरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)– जब प्रकाश किरणें सघन माध्यम से विरल माध्यम में जाती हैं तो वे अपवर्तन के पश्चात् अभिलम्ब से दूर होती जाती हैं (r > i) यदि किरणों के आपतन कोण । के मान को बढ़ाते जाएं तो आपतन कोण के एक विशिष्ट मान, जिसे उस माध्यम का क्रान्तिक कोण भी कहा जाता है, पर अपवर्तित किरण दोनों माध्यमों के पृथक्कारी पृष्ठ के समान्तर से गुजरती है। इस अवस्था में अपवर्तन कोण r = 90° होता है।
पूर्ण आन्तरिक परावर्तन (Total Internal Reflection)
