अम्लों एवं क्षारों के सामान्य गुणों का वर्णन कीजिए।
अम्लों एवं क्षारों में निम्नलिखित गुण पाए जाते हैं
(i) अम्ल नीले लिटमस को लाल करते हैं तथा क्षार लाल लिटमस को नीला कर देते हैं।
(ii) अम्ल धातुओं के साथ क्रिया करके हाइड्रोजन गैस देते हैं।
Zn धातु (जिंक) + H2SO4 सल्फ्यूरिक अम्ल → ZnSO4 + H2 ↑
इसी कारण खट्टे अम्लीय पदार्थों को धातु के बर्तनों में नहीं रखा जाता है।
Zn धातु की NaOH (क्षार) के साथ अभिक्रिया से भी लवण तथा हाइड्रोजन गैस बनती है।
Zn + 2NaOH — Na2ZnO2 सोडियम जिंकेट + H2 ↑
परन्तु सभी धातुओं की क्षारों के साथ अभिक्रिया में H2 गैस नहीं बनती है।
(iii) अम्लों के साथ धातु ऑक्साइड की अभिक्रिया से लवण और जल बनते हैं।
धातु ऑक्साइड + अम्ल → लवण + जल ।
CuO + 2HCl → CuCl2 + H2O
अतः ये क्षारीय प्रवृत्ति के होते हैं। क्षारों की अधात्विक ऑक्साइड के साथ अभिक्रिया से लवण और जल बनते हैं अतः ये अम्लीय प्रवृत्ति के होते हैं।
अधातु ऑक्साइड + क्षार → लवण + जल
CO2 + Ca(OH)2 → CaCO3 + H2O
(iv) सभी अम्लों एवं क्षारों के जलीय विलयन विद्युत के सुचालक होते हैं। अतः इनका उपयोग विद्युत अपघट्य के रूप में भी किया जाता है।
(v) सभी अम्ल क्षारों के साथ अभिक्रिया करके अपने गुण को खोकर उदासीन हो जाते हैं। यह अभिक्रिया उदासीनीकरण कहलाती है।
अम्ल + क्षार → लवण + जल
HCl + NaOH → NaCl + H2O