परमाणु के बारे में विभिन्न दार्शनिकों के क्या मत थे?
- प्राचीन भारतीय दार्शनिक महर्षि कणाद ने बताया कि पदार्थ को छोटे-छोटे टुकड़ों में लगातार विभाजित करने पर अंत में उसके सूक्ष्मतम कण प्राप्त होते हैं, उन्हें परमाणु कहते हैं। परमाणु को और अधिक विभाजित करना संभव नहीं है।
- भारतीय दार्शनिक पकुघा काव्यायाम ने बताया कि पदार्थों के भिन्नभिन्न रूप इन कणों के संयुक्त होने से प्राप्त होते हैं।
- ग्रीक दार्शनिक डेमोक्रिट्स एवं ल्यूसीपस ने इन सूक्ष्मतम अविभाज्य कणों को atoms कहा। यह ग्रीक भाषा के शब्द atomio से लिया गया है जिसका अर्थ होता है न काटा जाने वाला अर्थात् अविभाज्य ।।