प्राकृतिक रबर-प्राकृतिक रबर एक वृक्ष से द्रव के रूप में प्राप्त होता है जिसे रबर क्षीर या लेटेक्स कहते हैं। यह आइसोप्रीन का बहुलक होता है।
लेटेक्स में ऐसिटिक अम्ल मिलाकर उसे ठोस अवस्था में परिवर्तित किया जाता है। इस प्रकार प्राप्त रबर अत्यन्त प्रत्यास्थ तथा कम तनन सामर्थ्य युक्त होता है। अतः इससे परिष्कृत उत्पाद नहीं बनाए जा सकते हैं। रबर की तनन सामर्थ्य एवं प्रत्यास्थता बढ़ाने के लिए इसमें सल्फर (s) मिलाकर गर्म किया जाता है, इस प्रक्रिया को वल्कनीकरण कहते हैं। इस प्रकार प्राप्त रबर कम घिसने वाला, मजबूत, कठोर एवं प्रत्यास्थ होता है।
प्राकृतिक रबर
